RBI New Rule On EMI : आजकल बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कई तरह के लोन मिलते हैं, जैसे कार लोन, पर्सनल लोन और होम लोन। ये लोन हमें जरूरत के वक्त मदद देते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ लोग लोन की ईएमआई समय पर नहीं चुका पाते। अगर आप भी ऐसी स्थिति में हैं, तो आपको अपने अधिकारों के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
लोन डिफॉल्ट की स्थिति में आपके अधिकार
अगर आपने लोन लिया है और आप समय पर उसकी किस्त नहीं चुका पा रहे हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्थान आपको डिफॉल्टर घोषित कर सकते हैं। इससे आपकी वित्तीय स्थिति और खराब हो सकती है, लेकिन इस स्थिति में भी आपके पास कुछ अधिकार हैं। चलिए जानते हैं, लोन डिफॉल्टर की स्थिति में आपके पास क्या विकल्प हो सकते हैं।
1. अपना पक्ष रखने का अधिकार
अगर बैंक या लोन संस्था आपको डिफॉल्टर घोषित करती है, तो आपको अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। आप लोन अधिकारी को बताकर बता सकते हैं कि आपने किस कारण से लोन की किस्त नहीं चुकाई, जैसे नौकरी का जाना या किसी दुर्घटना का होना। आप अपने पक्ष को लिखित रूप में भी पेश कर सकते हैं और अगर बैंक से डिफॉल्ट का नोटिस आया है, तो आप अपील करने का भी अधिकार रखते हैं।
2. रिकवरी शर्तों का अधिकार
अगर आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो बैंक या वित्तीय संस्थानों को आपको परेशान करने का अधिकार नहीं है। लोन की रिकवरी के लिए समय और स्थान पहले से तय किया जाना चाहिए, जो आमतौर पर सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक होता है। आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंकों को ग्राहकों के साथ शालीनता से पेश आना चाहिए और किसी भी तरह की धमकी या दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिए।
3. उचित और सद्व्यवहार का अधिकार
हर नागरिक को सभ्य और उचित व्यवहार का अधिकार है। अगर बैंक या लोन देने वाली संस्था के कर्मचारी आपसे बुरा बर्ताव करते हैं, आपको धमकी देते हैं या झगड़ा करते हैं, तो आप उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
4. संपत्ति का सही मूल्यांकन और नीलामी
अगर आप लोन की किस्त नहीं चुका पाते हैं और बैंक आपकी संपत्ति बेचकर लोन की रकम वसूल करना चाहती है, तो बैंक को आपको नोटिस देना जरूरी है। इस नोटिस में संपत्ति का मूल्य, नीलामी की तारीख और समय की जानकारी होनी चाहिए। अगर आपको लगता है कि संपत्ति का मूल्य सही नहीं आंका गया है, तो आप इस पर आपत्ति भी दर्ज कर सकते हैं।
5. आय संतुलन का अधिकार
आरबीआई के अनुसार, अगर बैंक आपकी संपत्ति बेचकर लोन की वसूली करती है और संपत्ति की बिक्री से लोन की राशि से ज्यादा पैसा मिल जाता है, तो आपको वह अतिरिक्त राशि वापस करनी होगी। इस नियम का पालन करने के लिए नीलामी प्रक्रिया की सही तरह से निगरानी भी की जाती है।
6. लोन डिफॉल्ट से बचने के तरीके
अगर आपको लगता है कि आप लोन की ईएमआई समय पर नहीं चुका पाएंगे, तो आपको शुरुआत में ही अपनी वित्तीय स्थिति, आय और संपत्ति का सही आकलन करना चाहिए। आप लोन लेते समय अपनी ईएमआई को कम करवा सकते हैं या लोन की अवधि बढ़वा सकते हैं। इसके अलावा, आप बैंक से कुछ समय के लिए राहत भी मांग सकते हैं। हालांकि, इस राहत के साथ जुर्माना या पेनाल्टी भी लग सकती है।
7. कानूनी प्रावधान
कानूनी रूप से, सभी बैंक और वित्तीय संस्थान लोन की वसूली के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हैं। इसमें लोन की राशि वसूलने के लिए आवश्यक कदम उठाना और लोन को डिफॉल्टर घोषित करना शामिल है।
बैंकों को लोन देने के समय कुछ मानदंडों का पालन करना जरूरी होता है, जो लोन डिफॉल्ट से संबंधित होते हैं। इसीलिए लोन लेने वालों को इन नियमों के बारे में पूरी जानकारी होना चाहिए, ताकि वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझ सकें।
अंतिम बात
बैंक लोन और लोन डिफॉल्ट से संबंधित अधिकारों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। अगर आप लोन ले रहे हैं, तो अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करें और लोन की शर्तों को अच्छे से समझें। अगर आप लोन डिफॉल्टर बन जाते हैं, तो अपने अधिकारों के बारे में जानना आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
बस ध्यान रखें कि लोन चुकाना आपकी जिम्मेदारी है, लेकिन अगर आप किसी कारणवश चुकता नहीं कर पा रहे हैं, तो आपके पास कुछ अधिकार और विकल्प हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपनी स्थिति सुधारने के लिए कर सकते हैं।